Sunday, January 4, 2015

Kavi Ki Kavita

कविता एक नशा है,
जिसने कवि को इस हद तक कशा है,
कि कवि बिन इसके सांस भी नहीं ले सकता,
और बिन तुकांत कवि एक शब्द भी नहीं कह सकता।

कविता कवि का एक मात्र सहारा है,
कविता उसका जग सारा है,
बिन कविता कवि का आलिशान महल जैसे एक खंडर है,
बिन कविता कवि जैसे एक बन्दर है।

कविता से कवि का जग रोशन है,
कविता उसका अनमोल धन है,
बिन कविता कवि का जीवन अधूरा है,
कविता से कवि का संसार पूरा है।

कविता शब्दों का एक जाला नहीं,
कविता कवि द्वारा बड़े चाव से पिरोई हुई शब्दों की एक माला है,
कविता परमात्मा का कोई खेल नहीं,
कविता कवि की भावनाओ का एक मेल है।

कविता कवि की ज़िन्दगी है,
कविता उसकी बन्दिगी है,
कविता से कवि को कोई बंधन नहीं,
कविता के अलावा कवि का कोई संभंध नहीं।

कविता कवि की बंदिनी है,
कविता उसकी जीवन संगिनी है,
कविता जो कवि की रचना है,
उसी से उसकी अर्चना है।

कविता कवि की खाली कल्पना नहीं,
कविता उसकी अल्पना भी है,
कविता कवि का वज़ूद है,
कविता उसका सूद-भूड़ है।

कविता कवि के जीवन की वजह है,
बिन कविता कवि का जीवन जैसे एक सजा है,
कविता कवि का अंश है,
और कविता ही कवि है।

~स्नेह, प्रकाश और सत्य;
एक अज्ञात कवि। 

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