Monday, June 13, 2016

मैं लिखता हूँ

मैं ज़िंदा हूँ,
और ज़िन्दगी का क़र्ज़ चुकाने के लिए लिखता हूँ।
मैं लिखता हूँ,
हर लम्हे को यादगार बनाने के लिए लिखता हूँ।

मैं ज़िंदा हूँ,
और ज़िन्दगी की कश्मकश मिटाने के लिए लिखता हूँ।
मैं लिखता हूँ,
हर शब्द को अपना बनाने के लिए लिखता हूँ।

मैं ज़िंदा हूँ,
और ज़िंदा रहने के लिए लिखता हूँ।
मैं लिखता हूँ,
हर शब्द पर मर मिटने के लिए लिखता हूँ।

~स्नेह, प्रकाश, और सत्य;
हसरत बनारसी

[Translation: 
I am alive, and in order to pay off the debts of life, I write.
I write, to make every moment memorable, I write.

I am alive, and in order to reduce the dilemma of life, I write.
I write, to make every word my own, I write. 

I am alive, and in order to stay alive, I write. 
I write, to get annihilated on words, I write.]

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